एक पंडित रास्ते से जा रहा था कि इतने में उसका 10 रूपए का सिक्का नाला में गिर गया ।
ब्राह्मण बेचारा वही बैठ कर बोलने लगा
ब्राम्हण : या अल्लाह मेरी मदद कर या अल्लाह मेरी मदद कर
तभी रास्ते में एक आदमी जा रहा था उसने ब्राह्मण के पास आया और बोला -"क्या हुआ महाराज?"
ब्राह्मण : मेरा 10 रुपये का सिक्का नाले में गिर गया है और मैं अल्लाह से मदद मांग रहा हूँ
आदमी : पर आप तो ब्राह्मण हो अल्लाह को क्यों पुकार रहे हो
ब्राह्मण : अबे गधे!! उल्लू के पट्ठे, तू का चाहत है 10 रूपये के लिए हनुमान जी को नाले में कूदा दू
आदमी(बेहोश)
ब्राह्मण बेचारा वही बैठ कर बोलने लगा
ब्राम्हण : या अल्लाह मेरी मदद कर या अल्लाह मेरी मदद कर
तभी रास्ते में एक आदमी जा रहा था उसने ब्राह्मण के पास आया और बोला -"क्या हुआ महाराज?"
ब्राह्मण : मेरा 10 रुपये का सिक्का नाले में गिर गया है और मैं अल्लाह से मदद मांग रहा हूँ
आदमी : पर आप तो ब्राह्मण हो अल्लाह को क्यों पुकार रहे हो
ब्राह्मण : अबे गधे!! उल्लू के पट्ठे, तू का चाहत है 10 रूपये के लिए हनुमान जी को नाले में कूदा दू
आदमी(बेहोश)
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